2024-11-01 08:52:36 ( खबरवाले व्यूरो )
दिल्ली: देश के तमाम बड़े शहरों में प्रदूषण की कोई कमी नहीं है। लेकिन दीवाली के मौके पर प्रदूषण का लेवल कई गुना ज्यादा बढ़ गया। दिल्ली में सुबह होते ही हर जगह सिर्फ प्रदूषण की धुंध दिखाई दे रही है। अगर कोई इंसान सांस का मरीज तो वह घर से बाहर ही न निकले क्योंकि उसको सांस लेने में दिक्कत हो सकती है। दिल्ली-एनसीआर की हवा 'गंभीर' स्तर तक पहुंच गई है। कई जगह तो एक्यूआई 350 पार कर गया है।
राजधानी दिल्ली में इस बार भी दीवाली पर आतिशबाजी पर सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया था, इसके बावजूद दिल्ली और एनसीआर में जमकर आतिशबाजी हुई। गुरुवार शाम ढ़लते ही लोग पटाखे छोड़ने शुरू कर दिए। नई दिल्ली इलाके में भी लोग जमकर आतिशबाजियां की। इस कारण दिल्ली-एनसीआर की हवा 'गंभीर' स्तर तक पहुंच गई। आनंद विहार और सरिता विहार में एक्यूआई लेवल 300 पार कर गया है। लोगों की आंखों में जलन महसूस हो रही है।
दिवाली पर पटाखे फोड़े जाने के कारण चेन्नई और आसपास के जिलों में वायु प्रदूषण का स्तर काफी बढ़ गया है। हवा की गुणवत्ता में इस गिरावट से सांस की समस्या वाले लोगों के लिए परेशानी पैदा हो गई है। तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के सूत्रों के अनुसार, चेन्नई के तीन क्षेत्रों में वायु गुणवत्ता सूचकांक (एक्यूआई) खराब हो गया है, मनाली में स्तर 254, अरुंबक्कम में 210 और पेरुंगुडी में 201 तक पहुंच गया है।
तमिलनाडु प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड 201-300 के बीच एक AQI को "खराब" के रूप में वर्गीकृत करता है, जो श्वसन संबंधी असुविधा पैदा कर सकता है; 301-400 के बीच के स्तर को "बहुत खराब" के रूप में वर्गीकृत किया गया है, जबकि 401-500 के बीच के स्तर को गंभीर माना जाता है। डॉक्टरों ने लोगों से प्रदूषण को कम करने के लिए त्योहार के दौरान पटाखों के उपयोग को सीमित करने का आग्रह किया है।