केंद्र से हमेशा भेजी प्रदेश को भरपूर मदद, खर्च कहां पता नहीं
2024-10-03 16:08:35 ( खबरवाले व्यूरो )
शिमला: भाजपा प्रदेश मीडिया प्रभारी कर्ण नंदा ने कहा की कांग्रेस नेताओं को बोलने से पहले एक बार सोच लेना चाहिए। वैसे तो कांग्रेस पार्टी के नेता झूठ बोलने में प्रशिक्षित है, पर वह भूल जाते है की झूठ ज्यादा समय के लिए नहीं चलता।
उन्होंने कहा की हिमाचल प्रदेश एक जनकल्याणकारी प्रदेश है और अगर केंद्र हिमाचल प्रदेश को धन राशि नहीं भेजेगा तो हिमाचल प्रदेश में हो रहे कार्य ठप हो जाएंगे। हिमाचल प्रदेश को पिछले वित्त वर्ष में केंद्र सरकार से 14000 करोड़ से ज़्यादा की धन रही विभिन्न योजनाओं, आपदा प्रबंधन और केंद्रीय प्रोजेक्ट के लिए आई है।उन्होंने कहा की प्रधानमंत्री ग्राम सड़क योजना के अंतर्गत हिमाचल को 4500 करोड़ से अधिक की धन राशि आई है। हिमाचल प्रदेश की अधिकतम सड़के इस योजना के अंतर्गत आती है और इस योजना का प्रदेश सरकार को बड़ा लाभ होता है। केंद्र ने हिमाचल के दूर दराज के क्षेत्रों को भी सब कुछ दिया है, हिमाचल के शीत मरुस्थल स्पीति वैली के काजा और इसके साथ जुड़े दूसरे इलाकों में बिजली की आपूर्ति को मजबूत करने के लिए पहली बार सब-स्टेशन बनेगा और ट्रांसमिशन लाइन बनाई जाएगी। केंद्र सरकार ने इसके लिए 370 करोड़ रुपए की मंजूरी दी है।
नंदा ने कहा की हिमाचल प्रदेश को आत्मनिर्भर बनाने के झूठे सपने में हिमाचल प्रदेश की जनता पर हिमाचल सरकार महंगाई का बोझ डालने का काम कर रही है। हिमाचल में एक अक्तूबर से पानी के बिल आएंगे और घरेलू उपभोक्ताओं के लिए भी 300 यूनिट के बाद एक रुपये प्रति यूनिट बिजली की सब्सिडी बंद हो जाएगी। राज्य में औद्योगिक घरानों को भी एक रुपये प्रति यूनिट विद्युत उपदान नहीं मिलेगा। प्रदेश में औद्योगिक बिजली उपभोक्ताओं को दी जाने वाली एक रुपये प्रति यूनिट की सब्सिडी बंद की गई है। ग्रामीण इलाकों में भी पानी का बिल वसूला जाएगा। हर महीने प्रति कनेक्शन 100 रुपये बिल आएगा। प्रदेश में सीमेंट, तेल, राशन, डीजल, पेट्रोल सब महंगा किया जा रहा है।
नंदा ने कहा की प्रदेश के शहरी क्षेत्रों में सीवरेज कनेक्शन लेने वाले उपभोक्ताओं को अब हर माह प्रति टॉयलेट शीट के 25 रुपये से शुल्क देना होगा। जलशक्ति विभाग ने अक्तूबर से नई व्यवस्था लागू कर दी है। विभाग ने नोटिफिकेशन जारी कर सभी मंडलों को सीवरेज का प्रति शीट के हिसाब से शुल्क वसूलने के निर्देश दिए हैं। इससे सरकार के राजस्व में वृद्धि होगी। अब तो सरकार हर चीज में महंगाई का घटक डाल ही रही है।